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रागी का आटा क्या होता है? (What is Ragi Flour in Hindi?)

In Flour

रागी का आटा वैसे तो बहुत  गुणकारी है सेहत के लिए लेकिन हर घर में अभी भी इतना प्रचलित नहीं हुआ है, रागी भी हमारे मुख्य अनाजों  में  से एक है। देखा जाए तो भारत एक मात्र देश है जहाँ रागी की खेती बहुत  होती है। विश्व का ४० % रागी का उत्पादन  सिर्फ भारत में होता है।दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में  इसका उत्पादन खूब होता है और इसके अलावा तमिलनाडु, सिक्किम,हिमाचल ,झारखण्ड और उत्तराखंड में भी होता है। माना जाता है की विश्व भर में खाया जाने वाला रागी का आटा भारत से निर्यात(एक्सपोर्ट) होता है। भारत में कर्नाटक राज्य के साथ साथ हिमाचल में इसकी खपत ज़्यादा ही होती है लोग बड़े चाव के साथ इसे खाना पसंद  करते है। कर्नाटक के अलावा पहाड़ी इलाको में भी खूब खाया जाता है। 

अब इतना गुणकारी आटा कैसे बनता है, इससे  कौन कौन से व्यंजन तैयार किये जा सकते है, और इससे सेहत को भी किस तरह से फायदा मिलता  है उसके बारे में भी जानने  की कोशिश करते है। 


(What is Ragi Flour in Hindi?)रागी का आटा क्या होता है ?

अब जानने की कोशिश करेंगे की रागी का आटा कैसे  बनता है।  रागी को  नाचनी या मंडुआ इन नामो से भी जाना जाता  है, इसके दाने छोटे या थोड़े से बड़े भी पाए जाते है। रागी के दानो को साफ कर के उसको पिसा जाता है, इस आटे की ख़ास बात ये है कि इसको बिना पीसे भी अगर घर में रखा जाए  तो बिना किसी कीटनाशक के इसे लम्बे समय तक रखा जा सकता है।  बाकी अनाजों के आटे कि तरह ये उतना दरदरा नहीं रहता बिलकुल महीन रहता है। 


(Nutritional value in Ragi Flour)रागी के आटे में पाए जाने वाले पोषण तत्व

100 ग्राम के रागीआटा में  पाए जाने वाले पोषक तत्वों की सूची हम यहाँ प्रदर्शित करने जा रहे हैं 

पोषक तत्व

पोषक तत्वों की मात्रा

एनर्जी 

320 कैलोरीज

डिएटरी फाइबर

11.8 ग्राम

कार्बोहायड्रेट

66.82 ग्राम

फैट 

1.92 ग्राम

प्रोटीन

7.16 ग्राम

विटामिन बी १ 

0.37 mg

विटामिन बी २

0.17 mg

विटामिन बी ३

1.34 mg

विटामिन बी ६

0.05 mg

विटामिन k

0.09 mg

कैल्शियम

364 mg

आयरन

4.62 mg

मैग्नीशियम

146 mg

फॉस्फोरस

210 mg

पोटैशियम

443 mg

मैंगनीज

3.19 mg

जिंक 

2.53 mg



 

(Uses of Ragi Flour)रागी  के आटे के उपयोग

वैसे तो इस पौस्टिकआटे कि मदद से कई सारे व्यंजन बनाये जा सकते है तो अब हम जानते है कि आखिर रागी के आटे से क्या क्या बनाया जा सकता है:

रागी के उत्तपम :

दक्षिण भारत मैं इसका उपयोग अधिकतर किया जाता जैसे कि हम सबको पता है कि इडली और डोसा दक्षिण भारत के ख़ास व्यंजनों मै से एक है। इसके अलावा उत्तपम भी बोहोत पसंद किया जाता है, इसको बनाने का सीधा तरीका है कि चावल कि जगह रागी का इस्तेमाल किया जाता है दाल के साथ रागी को पीसकर इसे धुप मै रखकर फिर जैसे चावल का उत्तपम बनाया जाता है उसी प्रकार रागी का भी बनता है ,और इसे समभार और चटनी के साथ खाया जाता है । 

 

रागी का डोसा 

दक्षिण भारत मैं इसका उपयोग अधिकतर किया जाता जैसे कि हम सबको पता है कि इडली और डोसा दक्षिण भारत के ख़ास व्यंजनों मै से एक है। इसको बनाने का सीधा तरीका है कि चावल कि जगह रागी का इस्तेमाल किया जाता है दाल के साथ रागी को पीसकर इसे धुप मै रखकर फिर जैसे साधारण डोसा बनाया  जाता है उसी प्रकार रागी का भी बनता है ,और इसे समभार और चटनी के साथ खाया जाता है । 

रागी कि रोटी

 भारत मै खाने मै अक्सर रोटी का उपयोग काफी होता है और आम तौर पे हर घर मै गेहू के आटे के साथ साथ मक्का या बाजरी के आटे कि रोटी अधिकतर खायी जाती है, लेकिन एक बार रागी के आटे कि रोटी भी खानी चाइये जो कि बिलकुल ही स्वादिस्ट लगती है इसके परांठे भी बहुत ही ज़्यादा स्वाद लगते है अगर इसमें पनीर या आलू के मसलो को साथ मै मिलके बनाये जिससे खूब स्वाद बनती है और इसमें ग्लूटेन न होने कि वजह से इससे वजन भी नहीं बढ़ता। 

रागी के आटे का हलवा 

वैसे तो गेहू के आटे का हलवा बोहोत ही चाव से खाया जाता है लेकिन आजकल सेहत का ख्याल रखते हुए गेहू के आटे कि जगह रागी के आटे का हलवा भी खाया जाता है , बनाने का तरीका दोनों का एक जैसा ही है बस फरक है कि आप स्वादिस्ट के साथ साथ पौस्टिक आहार भी ले रहे हो। 

रागी के आटे के चिप्स 

रागी के आटे के चिप्स भी बोहोत ही प्रसिद्ध है आजकल आलू के चिप्स कि जगह नाचनी चिप्स का उपयोग भी बोहोत होने लगा है क्यों कि स्वाद के साथ साथ सेहत मंद भी है इसके साथ आप चीज़ सॉस या सलाद के साथ खाया जाता है। 


(Benefits of Ragi Flour)रागी  के आटे के फायदे

कैल्शियम कि कमी को दूर करता है। 

 आम तौर पर हमारे भोजन मै हम जितना चाइये उतना कैल्शियम नहीं मिल पाता क्यों कि हमारे देशी भोजन मै उच्च मात्रा मै कैल्शियम नहीं मिल पाता जिसकी वजह से हमारी हड्डिया कमजोर होने लगती है और उम्र के साथ साथ और भी तकलीफे होने लगती है लेकिन अगर आपने खाने मै अगर रागी के आटे का प्रयोग निरंतर रूप मै किया जाए तो कैल्शियम कि कमी आपने आप दूर होने लगती है। 

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखे। 

कोलेस्ट्रॉल कि मात्रा सरीर मै ज़्यादा होने से यह रक्तचाप कि समस्या को बढ़ाता है और इसकी वजह से सांस मै दिक्कत आना चक्कर आना और ब्लड प्रेशर नियंत्रण मै न रहना इसको को भी नियंत्रित रखा जा सकता है, रोज़ाना रागी के सेवन से आपका कोलेस्ट्रॉल हमेशा नियंत्रण मै रहेगा क्यों कि रागी मै नेचुरल फाइबर रहता और आयरन पाया जाता है जो कि ग्लूकोस को नियंत्रित रखता है तोह उसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल अपने आप  कम होने लगता है। 

मधुमेह को नियंत्रित करने मै फायदेमंद। 

रागी मै प्रचुर मात्रा मै पोलिफेनोल और फाइबर पाया जाता है, जो मधुमेह को काम करता है। ग्लूकोस को काम रखता है , जिससे मधुमेह नियंत्रित रहता है। रागी मै उच्च मात्रा मै आयरन पाया जाता है जो कि सरीर मै खून के स्तर को बढ़ाता है, रोज़ाना रागी के बीजो को अंकुरित करके सुबह खाली पेट सेवन करने से खून बढ़ाने का सबसे बेहतर इलाज़ है।  इस उपाय को करने से जल्द खून कि कमी को दूर किया जा सकता है। 

खून कि कमी को बढ़ाने मै है फायदेमंद। 

रागी मैं आयरन कि मात्रा खूब रहती है जिसकी वजह से सरीर मै खून बढ़ने का स्तर बाद जाता है और आयरन कि सेवन से खून कि कमी काम होनी लगती है। 

वजन कम करने मै फायदेमंद। 

रागी के आटे मै फाइबर कि मात्रा प्रचुर मात्रा मै रहती है और सबसे  खास बात ये है कि इसमें ग्लूटेन नहीं रहता तोह उसकी वजह से आप जितनी नार्मल चपाती खाते हो उतनी कि खाते हो लेकिन उससे वजन कभी नहीं बढ़ता और आप आपने वजन भी खूब काम कर लेते है । 

(Which is the best flour to use?)सबसे अच्छा आटा कौन सा है?

मार्किट में वैसे तो बहुत तरह के ब्रांड के आटे उपलब्ध  है और दावा भी करते है की उनका आटा सबसे ज़्यादा पौस्टिक और गुणकारी है हालांकि उनकी कीमत कई ज़्यादा है लेकिन जयपुर चक्की(Jaipur Chakki) एक मात्र ब्रांड है जो की मै कहूंगा की शुद्धता की पहचान है और जयपुर चक्की की खासबात ये है की किसानो  से सीधे बीज अपनी चक्की मै मंगवाते है और बिलकुल  बिना किसी मिलावट के उसको पिसा जाता है और इनकी पैकेजिंग ४ लेयरिंग की है जिससे आपका आटा सुरक्षित रहता है। इनकी कीमते बाकी ब्रांड से कम है और गुणवत्ता से भरपूर है।

FAQ

Q :रागी को अपनी भोजन योजना में शामिल करने के क्या तरीके हैं?

Ans : पर्याप्त मात्रा में आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और प्रोटीन से भरपूर, रागी को आहार में अनाज शामिल करना चाहिए। आप रागी को इडली, डोसा, रोटियों, पोर्रिज और रागी बॉल्स के रूप में दूध, मसाले और सब्जियों जैसी विभिन्न सामग्रियों के साथ मिश्रित कर सकते हैं।

Q : रागी का क्या उपयोग है ?

Ans :रागी के आटे से रोटी पराठे बनाये जाते है, इसका डोसा भी बनता है और इडली के साथ उत्तपम, रागी के लड्डू, रागी के चिप्स,भुजिया आदि बनते है। 

Q : क्या हम 6 महीने के बच्चे के लिए रागी को आहार के रूप में दे सकते हैं?

Ans : हाँ, रागी के दलिया का पारंपरिक रूप से बच्चों को खिलाने के लिए छुड़वाने के भोजन के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। इसे कई तरह से तैयार किया जा सकता है जैसे कि स्टैंडअलोन अनाज का दलिया या अन्य अनाज के साथ मिलाकर साथु के रूप में बनाया जा सकता है। इसके अलावा, अंकुरित रागी पोषण मूल्य में वृद्धि करता है और पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है, इस प्रकार वीनिंग के लिए सबसे अच्छा अर्ध-ठोस भोजन के रूप में कार्य करता है।

Q : क्या रागी को खाने में शामिल करने से वज़न बढ़ता है?

Ans :रागी डाइटरी फाइबर, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स और प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत है जो आपको तृप्त रखता है और गैस्ट्रिक खाली करने के समय में देरी करता है, जिससे कुल कैलोरी कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह ब्लड शुगर स्पाइक्स को नियंत्रित करने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करता है।

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