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चने का आटा - What is Chickpea Flour/Besan in Hindi

In Flour

चने का आटा/बेसन होता तो  एक ही  है, और हमारे देश के कई राज्यों में इसे खूब पसंद किया जाता, और  चने का आटा/बेसन हमारे मुख्य अनाजों में से एक है। इसे सुपरफूड भी कहा जाता है। आमतौर पे भारत के दो राज्यों में इसका उपयोग खूब किया जाता है जैसे की गुजरात और राजस्थान इनके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र मई भी इसकी खपत खूब है। 

 अब इसका अंदाज़ा इस तरह लगाया जा सकता है क्यों की हमारे देश में नमकीन का प्रयोग भी खूब किया जाता है चाहे  सुबह का नास्ता हो या दोपहर का खाना हो या चाय के साथ भी इसे बड़े चाव से पसंद किया जाता है। भारत में बेसन के बाजार का आकार 2 बिलियन अमरीकी डालर आंका गया था। 2021 में और कुल बेसन बाजार का राजस्व 2022 से 2029 तक 5.5% बढ़ने की उम्मीद है, जो लगभग 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएग। इसकी खेती अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच में की जाती है। 


चने का आटा : उपयोग, पोषण तत्व और फायदे - Chickpea Flour/Besan : Uses, Nutritional Value and Benefits

अब हमने इतना जान लिया की बेसन इतना प्रचलित क्यों हुआ और भारत मई इसकी डिमांड कितनी है, आइये अब नीचे दिए हुए ब्लॉग में इसके फायदे और उपयोग के साथ अन्य जानकारी भी प्राप्त करते है। 

चने का आटा/बेसन क्या होता है? - What is Chickpea Flour?

ग्राम फ्लौर को बेसन कहा जाता है आमतौर पे इसे आप या तो  बेसन कहे या चने का आटा, अब इस आते को बनाने का तरीका एक दम सरल और सटीक है जैसे की चने को धुप में अच्छे से सुखाकर छिलके निकालकर इसे पीसा जाता है और इसी प्रकार चने का आटा या बेसन तैयार होता है। यह आप घर में भी पीसकर बना सकते हो और यह आटा एकदम महीन होता है। 

चने का आटा/बेसन के उपयोग - Uses of Chickpea Flour

बेसन का उपयोग न जाने कितने चीज़ो मे किया जा सकता है उनमे से ही कुछ ऐसे प्रचलित व्यंजनों के बारे मे जानते है :

बेसन का हलवा

यह हलवा रेसिपी, बेसन और घी के साथ सूखे मेवे और बादाम, पिस्ता और केसर के साथ बनाई जाती है। यह पारंपरिक रेसिपी घर पर आसानी से बनाई जा सकती है।  बच्चो से लेकर बड़ो को सबको पसंद आता है यह हलवा। 

बेसन का चिल्ला 

सुबह नास्ते में हो या चाय के साथ कुछ खाने का मन करे तब इसका आनंद लिया जा सकता है।  इसे बनाने में ज़्यादा परेशानी भी नहीं होती और आसानी से बन भी जाता है , बेसन का घोल बनाये ज़्यादा पतला नहीं और ज़्यादा मोटा नहीं और इसमें स्वाद अनुसार अपना नमक और अजवाइन डाले और गरमागरम परोसे। 

बेसन के पकोड़े 

सर्दियों में और बारिश के मौसम में हर घर में खूब चाव से बनाया जाता है , इसका खाने का मज़ा ही अलग आता है।  अलग अलग तरह के पकोड़े बनाये जाते है जैसे की प्याज़ के पकोड़े, लौकी के पकोड़े, गोभी के पकोड़े, पनीर के पकोड़े और ब्रेड के पकोड़े की खूब भरमार पड़ती है की बारिस के मौसम मई गरमा गरम चाय के साथ गरम गर्म पकोड़ो का मज़ा की कुछ अलग आता है। 

बेसन की रोटी/ मिस्सी रोटी 

जैसे की आपने पारम्परिक गेहू के आटे की रोटियां बनती है वैसे है बेसन की रोटियां भी खूब पसंद की जाती है और इसका सेवन या गट्टे की सब्ज़ी के साथ या दाल मखनी के साथ खूब आनंद के साथ किया जाता है। अपने राजस्थान और पंजाब में  बोहोत पसंद करते है लोग इसे गरमा गरम ही खाने का मज़ा आता है और इसका आटा भी गेहू के आते की तरह ही लगता है। 

बेसन गट्टे की सब्ज़ी  

राजस्थान की सबसे मशहूर और एक मात्र सब्ज़ी जो की आज पुरे देश मई प्रचलित हुई है , राजस्थान के हर घर में पारम्परिक तरीके के साथ बनायीं जाती है जैसे की कई घरो में दही या छास का इस्तेमाल किया जाता है तोह कई जगह मसाला ग्रेवी मई भी बनाया जाता है।  इसको बाजे की रोटी के साथ या लच्छा परांठा के साथ इसका खूब आनंद लिया जाता है अब बनने का तरीका है की पहले बेसन का आटा लगाया जाता है इसके बाद इसको काटा जाता है गोल आकर मई और पानी उबाला जाता है उबलने के बाद इसकी आप कोई भी सब्ज़ी बना सकते हो। 

बेसन के लड्डू

मीठा खाना किसे पसंद नहीं , भारत के हर घर में  भोजन के बाद मीठा खाने का सुख रखते ही है, और जब बात हो बेसन के लड्डू की तो भला कैसे मना किया जा सकता  जा सकता है , बेसन को घी में माध्यम आंच के साथ भुना जाता है जब तक खुसबू आने न लग जाए और उसके बाद इसमें मावा और डॉयफ्रुइट्स और मिश्री डालके अच्छे से मिलाया जाता है और बाद में लड्डू का आकर देके इसे खाया जाता है। 

बेसन का भुजिया और नमकीन

यह आइटम इतना प्रचलित हुआ की हर घर में स्नैक्स में यह तो रहता ही है।  इसके बिना खाने मे स्वाद आता ही नहीं और घर मे बनता है या कई बार बाज़ार से भी मंगवाया जाता है , भुजिया की सब्ज़ी  के साथ साथ चाय के साथ भी इसका सेवन किया जाता है  और बनाने के लिए बेसन का आटा लगाने के बाद इसको सांचे की मदद से गरमा गरम तेल मैं इससे टाला जाता है। 

चने का आटा/बेसन  में पाए जाने वाले पोषण तत्व - Nutritional Value in Chickpea Flour/Besan

100 ग्राम चने के आटा में  पाए जाने वाले पोषक तत्वों की सूची हम यहाँ प्रदर्शित करने जा रहे हैं 


पोषक तत्व

पोषक तत्वों की मात्रा

एनर्जी 

387 किलो कैलोरी

प्रोटीन

22.4 ग्राम

फैट 

6.6 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट

57.8 ग्राम

फाइबर

10.8 ग्राम

आयरन

4.86mg

कैल्शियम

45 ग्राम

मैग्नीशियम

166 मिलीग्राम

विटामिन के

9.1 माइक्रोग्राम


चने का आटा/बेसन  के फायदे - Benefits of chickpea flour/Besan

डायबिटीज़ में मददगार

बेसन ब्लड शुगर स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। बेसन को बहुत ही कम ग्‍लाइसेमिक स्‍तर के लिए जाना जाता है, जो उच्‍च मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है।

दिल के लिए फायदेमंद

दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए भी बेसन काफी अच्छा है। बेसन में घुलनशील फाइबर होता है, जो आपके दिल के स्‍वास्‍थ्‍य को लंबे समय तक बनाए रखता है। बेसन में ऐसे कई घटक होते हैं, तो रक्‍त वाहिकाओं को आराम दिलाने के साथ ही आपके दिल की कार्य क्षमता को बढ़ाते हैं।

वज़न कम करने में फायदेमंद

अगर आप वज़न कम करना चाह रही हैं, तो आपको अपनी डाइट में बेसन ज़रूर शामिल करना चाहिए। बेसन में ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स कम होता है इसलिए इसमें कैलौरी की मात्रा भी कम होती है। यही वजह है कि बहुत से फिटनेस एक्सपर्ट्स बेसन खाने की सलाह देते हैं।

खून बढ़ाता है बेसन

चने के आटे या बेसन की रोटी एनीमिया के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है। बेसन शरीर की थकान, ज़्यादा वज़न और आयरन की कमी जैसी समस्‍याओं का इलाज कर सकता है।

कोलेस्‍ट्रॉल कम करता है बेसन

बेसन कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने का काम भी करता है। बेसन में ट्रांस फैट मौजूद होता है, जो रक्‍त में कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को नियंत्रित कर सकता है।

बेसन खाने के फायदे बेहतर नींद के लिए

अगर आपको अक्सर नींद से जुड़ी दिक्कतें रहती हैं, तो बेसन इसमें आपकी मदद कर सकता है। बेसन मे मौजूद अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन आपकी नींद में मददगार साबित होंगे। ट्रिप्टोफैन आपके दिमाग़ को शांत करने का काम करता है। वहीं, सेरोटोनिन नींद को उत्‍तेजित करने में मदद करता है।

सबसे अच्छा आटा कौन सा है? - Which is the best flour to use?

मार्किट में वैसे तो बहुत तरह के ब्रांड के आटे उपलब्ध  है और दावा भी करते है की उनका आटा सबसे ज़्यादा पौस्टिक और गुणकारी है हालांकि उनकी कीमत कई ज़्यादा है लेकिन जयपुर चक्की (Jaipur Chakki) एक मात्र ब्रांड है जो की मै कहूंगा की शुद्धता की पहचान है और जयपुर चक्की की खासबात ये है की किसानो  से सीधे बीज अपनी चक्की मै मंगवाते है और बिलकुल  बिना किसी मिलावट के उसको पिसा जाता है और इनकी पैकेजिंग ४ लेयरिंग की है जिससे आपका आटा सुरक्षित रहता है। इनकी कीमते बाकी ब्रांड से कम है और गुणवत्ता से भरपूर है।

FAQ

Q. क्या चने के आटे में कार्ब्स की मात्रा कम है?
Ans. चने का आटा पौष्टिक तत्वों में उच्च है और परिष्कृत गेहूं के आटे का एक उत्कृष्ट विकल्प है लेकिन कार्बोहाइड्रेट में उच्च है। इसलिए कीटो या लो-कार्ब डाइट लेने वालों के लिए यह अच्छा विकल्प नहीं है।

Q. क्या चने केआटे में प्रोटीन अधिक होता है?
Ans. चने के आटे में अन्य आटे की तुलना में अधिक प्रोटीन होता है, जैसे कि सफेद और पूरे गेहूं का आटा। सफेद आटे में 13 ग्राम और पूरे गेहूं के आटे में 16 ग्राम की तुलना में चने के आटे में प्रति कप 20 ग्राम (92 ग्राम) प्रोटीन होता है। इसलिए, यह मांसपेशियों को बढ़ाने और मजबूत बनाने, भूख कम करने, हड्डियों के निर्माण और चयापचय को बढ़ावा देने में फायदेमंद है।


Q. क्या चने का आटा वजन घटाने के लिए अच्छा है?
Ans. यदि आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो चने का आटा गेहूं के आटे का एक उत्कृष्ट विकल्प है। एक कप (92 ग्राम) चने के आटे में परिष्कृत गेहूं के आटे की समान मात्रा की तुलना में लगभग 25% कम कैलोरी होती है, जो कम ऊर्जा घनत्व का संकेत देती है। वजन प्रबंधन में ऊर्जा घनत्व और भाग के आकार का महत्व कोई रहस्य नहीं हैl


Q. क्या चने का आटा सफेद आटे से बेहतर है?
Ans.  हां, चने का आटा सफेद आटे का एक बेहतरीन विकल्प है। रिफाइंड आटे की तुलना में इसमें बेहतर पोषण प्रोफ़ाइल है, क्योंकि इसमें कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होते हुए अधिक विटामिन, खनिज और फाइबर होते हैं। इसके अलावा, सफेद आटे की तुलना में चने का आटा प्रोटीन का एक समृद्ध स्रोत है, जो शरीर की वृद्धि और विकास में सहायक होता है।

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