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बाजरे का आटा- What is millet flour in Hindi?

In Flour

बाजरे की रोटी और बैंगन के भर्ता / बाजरे की रोटी और काचरी फली की सब्ज़ी साथ मे लहसुन की चटनी इस के बारे मे तो हम सब ने सुना ही होगा और सुनने के साथ साथ खाया भी होगा और क्यों ना खाया जाए आखिर स्वादिस्ट भी कितना लगता है। अब देखिये बाजरे के आते को सुपरफूड इसीलिए भी कहा जाता है क्यों की इसमें कई ऐसे पोषक तत्त्व है जो की सरीर के लिए गुणकारी है और सर्दियों मे ही इसका उपयोग ज़्यादा किया जाता है क्यों की बाजरे की तासीर गरम होती है। 

भारत मे राजस्थान सर्वप्रथम स्थान पर आता है बाजरे की खेती क लिए उसके बाद उत्तरप्रदेश और फिर आता है महाराष्ट्र और विस्व में  भारत दुनिया में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है। वैश्विक उत्पादन का 20% और एशिया के 80% उत्पादन के लिए लेखांकन भी है

 

बाजरे का आटा: उपयोग, पोषण तत्व और फायदे - Millet Flour: Uses, Nutritional Value and Benefits

अब इतना गुणकारी और पौस्टिक आटे के बारे मैं निचे दिए हुए ब्लॉग विस्तार पूर्वक जानते है। 

बाजरे का आटा का क्या होता है? - What Is Millet Flour in Hindi?

बाजरे के आटा बनाने के तरीका है की एक बार जब बाजरे की  फसल काटी जाती है उसके बाद उसके पौधे के बंडल को धुप मे ाचे से सुखाकर उनके अंदर के बीजो को अलग किया जाता है और अलग करने के बाद उन बीजो को पीसा जाता है जिससे हल्का हल्का नट्टी टेस्ट आता है और इसका रंग हल्का ग्रे कलर के रहता है और इसे घर मे भी बनाया जा सकता है। 


बाजरे के आटे  में पाए जाने वाले पोषण तत्व - Nutritional value in bajra flour

100 ग्राम मक्की के आटा में  पाए जाने वाले पोषक तत्वों की सूची हम यहाँ प्रदर्शित करने जा रहे हैं –


पोषक तत्व

पोषक तत्वों की मात्रा

कैलोरी

382.5 कैलोरी

कार्ब्स

72.85 ग्राम

प्रोटीन 

11.02 ग्राम

फैट

4.22 ग्राम

फाइबर

8.5 ग्राम

कैल्शियम

8 मिलीग्राम

फास्फोरस

285 मिलीग्राम

आयरन

3.01 मिलीग्राम



बाजरे के आटे  के फायदे - Benefits of Bajra Flour

 हार्ट

बाजरे की रोटी को हार्ट के लिए फायदेमंद माना जाता है. बाजरा में मैग्नीशियम, पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं, जो शरीर के साथ-साथ हार्ट को भी हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं.

डायबिटीज

बाजरे को डायबिटीज में फायदेमंद माना जाता है. बाजरे में पाए जाने वाले पोषक तत्व डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो बाजरे की रोटी को डाइट में शामिल कर सकते हैं.

वजन घटाने

मोटापा कम करने के लिए आप अपनी डाइट में बाजरे की रोटी को शामिल कर सकते हैं. बाजरे में फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ एहसास कराने का काम करता है. जिससे अधिक खाने से बचे रहते हैं और वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं.

पाचन

पाचन की समस्या से परेशान हैं तो बाजरे का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. बाजरे की रोटी खाने से पेट गैस और पाचन को बेहतर रखा जा सकता है.

कब्ज की शिकायत दूर करता

बाजरे का आटा ग्लूटेन फ्री होता है और फाइबर से युक्त होता है. यदि सर्दियों में आप बाजरे की रोटी का रोजाना सेवन करते हैं तो इससे आपकी पेट की तमाम समस्याएं दूर होती हैं. कब्ज की परेशानी नहीं होती. पेट की सेहत दुरुस्त रहने से पूरा स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

इम्यून सिस्टम होता मजबूत

बाजरे में ऐसे कई गुण होते हैं, जो आपके शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार माने जाते हैं. ऐसे में किडनी और लिवर से जुड़ी परेशानियों से बचाव होता है, साथ ही आपके शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.

बाजरे के आटे के उपयोग - Uses of Bajra Flour

अब जानते है की बाजरे के आटे से क्या क्या बना सकते है :

बाजरा और प्याज़ के उत्तपम

आज के समय मे सबको टेस्ट के साथ साथ सेहत के भी ख्याल रखने लग गए और जैसे की हम सब जानते है, कि चावल और उरद दाल के मिश्रण से उत्तपम बनाया जाता है लेकिन इसमें कैलोरी की मात्रा ज़्यादा होने के कारण बाजरे के उपयोग भी किया जाने लगा है बस चावल और दाल के मिश्रण की जगह बारे के घोल का उपयोग किया जाने लगा है और बाकी बनाने की विधि एक दम वैसे ही है लेकिन इसमें स्वाद के साथ सेहत का भी ध्यान रखा जा सकता है। 

महारास्ट्रियन थालीपीठ 

महाराष्ट्र की सबसे प्रचलित और पौस्टिक नास्ते मे से एक है। इसका बनाने का तरीका है कि बाजरे के साथ थोड़ा गेहू का आटा मिलकर इसमें हरी सब्ज़ी और हलके मसले डालकर थोड़ा सा तेल का उपयोग करके लगाया जाता है और गरमा गरम आचार या चटनी के साथ नास्ते मे खाया जाता है।  बसा ही स्वादिस्ट और पोस्टिक आहार है जो की सेहत के लिए फायदेमंद भी है। 

बाजरे की रोटी या गुजरती रोटला

राजस्थान मे हर घर मे इसकी रोटी तो बनती ही बनती है और सर्दियों मे तोह खूब सेवन किया जाता है इसमें पाए जाने वाले गन जैसे आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा होने की वजह से यह दिन भर के काम के लिए सरीर को चुस्त रखता और तासीर गरम होने की वजह से सरीर भी गरम रखता है।  बनाया बिलकुल गेह के रोटी की तरह ही जाता है और इसका मज़ा गरम खाने मे ही आता है। 

बाजरे का खिचड़ा 

जैसे की दलीय और खिचड़ी जो की दूसरी डालो से बनती है वो तो हम सब ने खूब खाया ही है।  कभी बाजरे का खिचड़ा भी खाना चाइए जो की  गरम  गरम घी और गुड़  के साथ खाने मे ही आनंद आता है।  इसमें बाजरे के साथ थोड़ा सी मटकी की दाल मिलायी जाती है और अगर अपने खाने मे अगर कुछ अलग खाना चाहते हो तो इसका उपयोग बिलकुल करे। 

बाजरे की रोटी का चूरमा

आटे का चूरमा तोह हम सबने खूब खाया है और बाजरे का चूरमा भी अलग ही स्वाद आता है इसमें बनाने का तरीका तोह एकदम आते के चूरमे की तरह ही है और इसमें घी और खांड ( गुड़ का बुरा )भी कहा जाता है इसको मिलाके खाया जाता है। 


FAQ

  1. क्या बाजरे की रोटी वजन घटाने के लिए अच्छी है?

A: बाजरे में उच्च फाइबर होता है, और यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखता है। इस प्रकार, यह अतिरिक्त कैलोरी की खपत को रोकता है और वजन घटाने के साथ साथ यह आपके शारीरिक बल को भी बढ़ाने में योगदान देता है। यह आवश्यक विटामिन और खनिजों के साथ भी पैक किया जाता है।

  1. क्या हम बाजरे की रोटी रोज खा सकते हैं?

A: नहीं , बाजरे की  की रोटियां रोज नहीं खा सकते हैं। इसकी तासीर गर्म रहती है तो यह सर्दियों के मौसम मई रोज़ खाया जा सकता है। 

Q.बाजरे का आटा खरीदने या पिसवाने के बाद इसको कितने दिनों तक रखा जा सकता है ?

A: आटा पिसवाने के बाद इसे एयर टाइट कंटेनर में रखे और इसका उपयोग २०दिनो के अंदर अंदर करले उससे ज़्यादा रखने पर आटा खट्टा पद जाता है। 

Q.क्या बाजरे में कार्ब्स हैं?

A: बाजरा में कार्बोहाइड्रेट होते हैं। हालाँकि, फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण, बाजरे में कार्ब्स जटिल कार्ब्स होते हैं जो जल्दी पचते नहीं हैं।

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